राजधानी रायपुर शहर में यातायात व्यवस्था इतनी लचर है कि आये दिन भीड़ भरी सड़कों पर सैंकड़ो की संख्या में आवारा मवेशी बैठे पाए जाते हैं, जिससे आये दिन रोज सड़कों पर राहगीरों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है वहीँ यातायात के नियमों का उल्लघन कर छोटा हाथी वाहन में लोहे का राड, बड़ी-बड़ी सिंटेक्स पानी टंकी ले जाने वाले लोग व किराया भंडार वाले, भूसा ले जाने वाले, डी.जे. वाले, इस छोटे हाथी वाहन में ओवर लोड कर निकलते हैं जबकि डाला से बाहर माल का परिवहन करने से मोटर व्हीकल एक्ट के तहत पहली बार जुर्माना, दूसरी बार गाड़ी जब्ती तथा तीसरी बार ड्राइवर का ड्राइविंग लाइसेंस जब्त किये जाने का प्रावधान है पर राजधानी रायपुर में मोटर व्हीकल एक्ट नोट छापने की मशीन बनकर रह गया है कानून के मुताबिक मुंह में स्कार्फ बांधकर गाड़ी चलाना अवैधानिक है मगर रोज हर एक मिनट में एक पुलिस वाले के सामने स्कार्फ बांधकर गाड़ी चलाते लड़कियां तथा महिलाएं दिख जाएँगे एक तरफ छत्तीसगढ़ में नक्सली गतिविधियाँ सक्रिय है तो दूसरी तरफ कुछ लोग स्कार्फ बांधकर गाड़ी चलाते दिख जाएँगे .
राजधानी रायपुर के कई थानों से छोटा हाथी वाहन वाले ओवरलोड सामान लेकर गुजरते हैं परन्तु यातायात पुलिस इन लोगों पर कोई कार्यवाही नहीं करते, इसका एक उदाहरण राजधानी रायपुर के पुरानी बस्ती थाना क्षेत्र में देखी जा सकती है यहाँ की स्थिति ऐसी है कि सुबह 10 बजे से 12 बजे तथा शाम 4 बजे से रात 8 बजे के बीच में पुरानी बस्ती थाना से सुन्दर नगर तक जाने में 1 घंटे का समय लगता है इसका कारण यह है कि सडकों पर आवारा मवेशी बैठे रहते हैं पुरानी बस्ती क्षेत्र में सब से ज्यादा आवारा मवेशी घूमते पाए जाते हैं लिली चौंक से लोहार चौक तथा बंधवापारा से गोपियापारा होते हुये कुशालपुर तक अनेकों आवारा मवेशी तथा खूंखार कुत्ते मिल जाएँगे, आवारा मवेशी के मालिक से कई बार नगर निगम शपथ पत्र में लिखवा लिए हैं उसके बावजूद भी आवारा मवेशियों की संख्या बढती जा रही है जिस कारण पुरानी बस्ती थाना से लेकर लाखेनगर चौक के बीच रोज सबेरे शाम जाम की स्थिति रहती है I
लाखेनगर चौक के पास शराब भट्टी होने के कारण यहाँ पर कई ठेले वाले चाय नास्ता की दुकाने लगाये हैं जहाँ लोग नास्ता चाय पीने के लिए अपनी वाहनों को बीच सड़क पर खड़ी कर देते हैं, वहीँ लाखेनगर बिजली आफिस में बिल पटाने आने वाले लोग भी अपनी वाहनों को सड़क पर खड़ी करते हैं जबकि लाखेनगर चौक पर कई पुलिसों का ड्यूटी लगा रहता है परन्तु पुलिस वालों को इनसे कोई लेना-देना नहीं रहता, वे केवल मूक दर्शक बने रहते हैं I